म्यूचुअल फंड क्या होते हैं ? (What is a Mutual Fund?)

म्यूचुअल फंड क्या होते हैं ? (What is a Mutual Fund?)

म्यूचुअल फंड : एक परिचय (Mutual Fund Introduction)

आप सभी जानते हैं, कि स्टॉक मार्किट (Stock Market) या शेयर बाजार, जहाँ अलग-अलग कंपनियों के शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए उपलब्ध होते हैं, यहाँ निवेशक अपनी आवश्यकता के अनुसार, और अपनी पसंद के अनुसार कंपनियों के शेयर्स खरीदते हैं और बेचते हैं, जिससे उनको कुछ फायदा हो सके। 

स्टॉक मार्किट (Stock Market) में जो निवेशक होते हैं, उनको लगभग यहाँ जानकारी होनी चाहिए कि कौन सा स्टॉक खरीदना है और कौन सा बेचना है। इसके लिए उचित ज्ञान की आवश्यकता होती है, और इस महत्वपूर्ण जानकारी के अभाव में नए निवेशक अपना नुकसान कर बैठते हैं। 

तो यहाँ म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है, कि कौन सा म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाए, जिससे, नुकसान की कोई संभावना ही ना हो।

म्यूचुअल फंड : सुरक्षित निवेश 

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक निवेश का ऐसा तरीका या माध्यम है, जहाँ विभिन्न कंपनियों के स्टॉक्स का एक समूह या ग्रुप बनाया जाता है, जिसमें चुनिंदा स्टॉक्स होते हैं। इन स्टॉक्स में निवेशकों का निवेश या इन्वेस्टमेंट (Mutual Fund Investment) होता है। 

इस चुनिंदा स्टॉक्स के ग्रुप को म्यूचुअल फंड कहते हैं, अतः इस तरह के निवेश के लिए, “म्यूचुअल फंड” (Mutual Fund) एक सुरक्षित और अत्यंत बेहतर विकल्प है। 

एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM)

इन चुने हुए स्टॉक्स को इकठ्ठा करने का काम अनुभवी “फंड मैनेजर” द्वारा किया जाता है, जिनकी इस कार्य में विशेष दक्षता हासिल होती है। ये फंड मैनेजर अपने अनुभव में इतने कुशल होता हैं, कि म्यूचुअल फंड में एक निवेशक को अधिक लाभ हो। 

तो एक बात तो स्पष्ट है कि इन सारे स्टॉक्स की कुछ कीमत भी होगी, जिसको {Asset Under Management (AUM)} या परिसम्पत्तियाँ भी कहा जाता है। यह AUM कई करोड़ का भी हो सकता है। 

उदाहरण के लिए कुछ म्यूचुअल फंड का AUM इस प्रकार है : 

HDFC Balanced Advantage Fundरु. 86471.32 करोड़31 मई , 2024
SBI Contra Fundरु 30,520 करोड़31 मई , 2024
Parag Parikh Flexi Cap Fundरु 66,384 करोड़31 मई , 2024
ICICI Prudential Equity & Debt Fundरु 37,037 करोड़31 जून , 2024

इसके अलावा और भी बहुत सारे विभिन्न कंपनियों के म्यूचुअल फंड है, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) जिसका गठन वर्ष 1995 में किया गया था, के अनुसार भारत में लगभग 44 एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (Asset Management Companies) हैं और लगभग 2500 से ज़्यादा विभिन्न स्कीम्स हैं। . 

भारत में अप्रैल 2024 तक सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) की कुल परिसंपत्तियां लगभग रु 57.01 लाख करोड़ तक पहुंच गयी है। . 

जो निवेशकों के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है।

नेट एसेट वैल्यू (NAV)

जब चुनिंदा स्टॉक्स का एक चुना हुआ समूह या ग्रुप जिसको म्यूचुअल फंड कहते हैं, बनाया जाता है, तो इसको निवेशकों के लिए कम से कम कीमत पर खरीदने और बेचने के लिए उपलब्ध कराया जाता है, इसको यूनिट कहा जाता है, और जाहिर है, इसकी एक कीमत भी होगी, इस कीमत को ही नेट एसेट वैल्यू (Net Asset Value or NAV) कहा जाता है। 

विभिन्न म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की NAV या नेट एसेट वैल्यू अलग-अलग होती है। 

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है? (How Does a Mutual Fund Work?)

म्यूचुअल फंड का निर्माण (Mutual Fund Creation) 

जैसा पहले बताया गया कि, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) विशेष प्रकार के स्टॉक्स का समूह होता है, जिसको विभिन्न एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) निर्धारित करती हैं, जो अलग-अलग उद्देश्य (Objectives) को ध्यान में रखकर बनाया जाता है, इसमें कई रणनीतियाँ (Strategies) निर्धारित की जाती हैं, और यह बिलकुल स्पष्ट है, कि इस तरह के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में जोखिम (Risk) भी होगा।

म्यूचुअल फंड के निर्माण में फंड मैनेजर की विशेष भूमिका होती है, जिनको इसमें महारत हासिल होती है। 

पूल फंड (Pooled Fund)

पूल (Pool) का सीधा सा अर्थ होता है, विभिन्न निवेशकों से एक साथ एकत्र किया हुआ धन। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए पूल किए गए फंड का उपयोग किया जाता हैं।

पूल्ड फंड के उपयोग से , निवेशक को उन मौको का फायदा भी होता है जो आम तौर पर केवल बड़े निवेशकों के लिए उपलब्ध होते हैं। 

बस फर्क सिर्फ इतना होता है, कि निवेशक ज़्यादा निवेश करता है, और एक छोटा निवेशक बहुत काम राशि निवेश कर सकता है, जिससे मनचाहे फंड में निवेश किया जा सकता है। . 

म्यूचुअल फंड में निवेश (Mutual Funds Investment)

अब बारी आती है, फंड मैनेजर की, जो अपने अनुभव और उचित ज्ञान के आधार पर, किसी विशेष म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करता है, जिससे निवेशक को वह लाभ मिले, जिस उद्देश्य के लिए उसने निवेश किया है। 

एक फंड मैनेजर म्यूचुअल फंड के अलावा, बांड, या किसी और तरह के फंड में निवेश कर सकता है, और यह निवेश, निवेशक के उद्देश्य, रणनीति, और लाभ पर निर्भर करता है। म्यूचुअल फंड में निवेश से लाभ या हानि भी हो सकती है।

यदि किसी विशेष म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में कोई लाभः या हानि हुई है, तो वह निवेशकों में उनके निवेश के अनुसार बाँट दी जाती है। 

उदाहरण के लिए, अगर एक म्यूचुअल फंड का NAV 20 रूपये है और आपने 10,000 रूपये का निवेश किया है, तो आपको 500 यूनिट्स मिलेंगी। अगर अगले वर्ष NAV 25 रूपये हो जाता है, तो आपके निवेश की कीमत 12,500 रूपये होगी, अर्थात 2500 रूपये का लाभ हुआ। 

और यदि नुकसान हुआ हो तो उसकी गणना भी ठीक इसी प्रकार की जायेगी। 

म्यूचुअल फंड के लाभ (Benefits of Mutual Funds)

म्यूचुअल फंड आज निवेश के लिए एक बहुत अच्छा मौका है, और जाहिर है, इसके कुछ म्यूचुअल फंड के लाभ भी है, जिसमें कुछ नीचे दिए गए हैं : 

नकदी में बदलने की सुविधा या तरलता (Liquidity or Getting Cash by Mutual Funds)

इसका सीधा सा मतलब यह है कि यदि आपकी नकदी की आवश्यकता है तो आप किसी भी समय अपने अकाउंट के म्यूचुअल फंड को बेच कर अपने अकाउंट में नकदी प्राप्त कर सकते हैं। 

जैसे यदि आप सोने या चांदी को बेचें तो आपको समय लग सकता है, और हो सकता है कि आपको उचित भाव ना मिले, ठीक इसी तरह यदि आप कोई फ्लैट, जमीन आदि बेचना चाहें तो आपको बहुत समय चाहिए और आपको वह भाव मिले या ना मिले, आदि आदि। 

लेकिन म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के विषय में यह बहुत साफ़ है, कि इसको आप ऑनलाइन या आप अपने ब्रोकर से बात करके तुरंत ही बेच कर नकदी अपने अकाउंट में प्राप्त कर सकता हैं। 

कम खर्च में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) का उचित रखरखाव 

प्रत्येक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) अपने किसी भी म्यूचुअल फंड को मैनेज करने के लिए कुछ अनुपात में खर्च करती है, जिसमें म्यूचुअल फंड के वार्षिक शुल्क और अन्य रखरखाव भी शामिल होते हैं। 

यह किसी भी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) का एक्सपेंस रेश्यो (Expense Ratio) होता है, जो प्रतिशत में होता है, अतः जितना भी निवेश किसी निवेशक द्वारा किया गया हो, उसका कुछ प्रतिशत उसके फंड से AMC द्वारा काट लिया जाता है, औसतन यह लगभग 0.1% से 2% तक ही होता है। 

यानी बहुत कम रखरखाव में म्यूचुअल फंड का प्रबंधन फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है। अतः एक निवेशक को बहुत कम लागत लगानी पड़ती है। 

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) का व्यावसायिक प्रबंधन 

मुख्य रूप से यह कार्य फंड मैनेजर द्वारा ही किया जाता है, जो इस कार्य में काफी दक्ष होते हैं। 

एक फंड मैनेजर इस बात पर नजर रखता है कि शेयर कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं। क्योंकि एक म्यूचुअल फंड विभिन्न शयरों को मिलकर ही बनाया जाता है। 

इसलिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है, कि एक म्यूचुअल फंड के विभिन्न शेयर का व्यावसायिक प्रबंधन किया जाए, जो सिर्फ अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा ही किया जा सकता है। 

वह समय समय पर फंड के पोर्टफोलियो का संतुलन इस प्रकार करेगा की निवेशक का ही लाभ हो, और यदि अन्य किसी शेयर से नुकसान हो रहा हो तो उसको निकाल कर कोई लाभ देने वाला शेयर शामिल करेगा, जो एक अनुभव का काम है। 

एस आई पी के साथ निवेश (Systematic Investment Plan {SIP} Investment)

वैसे तो म्यूचुअल फंड में निवेश 2 तरह से किया जा सकता है, 

1. इकठ्ठा (Lumpsum) निवेश 

इसमें निवेशक जो भी राशि चाहे निवेश कर सकता है, चाहे वह 100 रुपए हो या 5 लाख या इससे अधिक। 

2. एक आई पी (SIP) द्वारा निवेश 

इसमें निवेशक हर महीने एक कोई भी राशि निवेश कर सकता है, 1 साल के लिए, 5 साल के लिए या फिर किसी और अंतराल के लिए। इसमें निवेशक पर ज़्यादा भार नहीं पड़ता और आराम से निवेश भी हो जाता है। 

एक आई पी का भुगतान साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक भी किया जा सकता है।

SIP के लिए कैलकुलेशन आप www.mutualfundmagic.in पर भी कर सकते हैं।

सेबी द्वारा नियंत्रित (Controlled by SEBI)

सेबी (म्यूचुअल फंड्स) विनियम, 1996 के तहत म्यूचुअल फंड को सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो हमेशा निवेशक के हित के बारे में ही सोचती है। 

सेबी की कार्यशैली से निवेशक का निवेश पूर्ण तरह से सुरक्षित होता है, और यदि कोई गड़बड़ी पायी जाती है, तो सेबी उसके खिलाफ कार्यवाही भी करती है। 

इसके लिए सेबी (SEBI) ने विशेष रूप से म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के लिए निवेशकों के हित को ध्यान में रखकर नियम निर्धारित किये हैं। 

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