म्यूचुअल फंड्स में निवेश कैसे करें? (How to do Mutual Fund Investment)
- आशीष कुलश्रेष्ठ
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? (How to do Mutual Fund Investment)
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के निवेश में यह अत्यंत आवश्यक है, उसकी जानकारी होना। कि आप निवेश क्यों करना चाहते हैं, जैसे आपके कुछ प्रश्न भी हो सकते हैं, कि:
- म्यूचुअल फंड की योजनाओं में निवेश करना कैसे शुरू करें?
- म्यूचुअल फंड में पैसा कैसे निवेश करें?
- शुरुआती लोगों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
- म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें एस आई पी (SIP) में निवेश कैसे करें आदि आदि….
अतः म्यूच्यूअल फंड के संबंध में इन सब को समझना आवश्यक है
चरणबद्ध तरीके से म्यूच्यूअल फंड में निवेश के कुछ आवश्यक स्टेप्स हैं ;
लक्ष्य निर्धारित करना (Goal Setting)
अब आप म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना चाहते हैं, और जो भी पैसा है वह आपके द्वारा कमाया गया धन है, अतः सावधानी आवश्यक है कि आपके निवेश का लक्ष्य क्या है ?
- क्या आप बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश करना चाहते हैं ?क्या आप अपना घर चाहते हैं?
- क्या आप कोई गाडी खरीदना चाहते है ?
- या आप अपने रिटायरमेंट के लिए धन चाहते हैं ? आदि, आदि…
सबसे पहले अपने लक्ष्य को निश्चित रूप से निर्धारित कर लीजिये।
म्यूच्यूअल फंड के बारे में रिसर्च और तुलना (Research and Comparison of Mutual Funds)
ये दो तरीके से हो सकता है :
- यदि आप म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) के बारे में जानकारी रखते हैं, तो स्वयं ही किसी भी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के म्यूच्यूअल फंड को अपने लक्ष्य के अनुसार चुन सकते हैं।
- यदि आपको समुचित जानकारी नहीं है, तो आप अपने क्षेत्र के एम्फी रजिस्टर्ड, म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क कर सकते हैं।
- डिस्ट्रीब्यूटर के साथ कार्य करने से बहुत सुविधा मिल जाती है, जैसे, किस म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करें, लक्ष्य के अनुसार कितना निवेश आवश्यक है, आपके पोर्टफोलियो का रखरखाव, और अन्य सुविधा भी म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर से मिल जाती है।
के वाई सी प्रक्रिया (KYC Know Your Customer Process)
सबसे मुख्य बात यह है कि भारत सरकार का सेबी के माध्यम से यह निर्देश है कि किसी भी वित्तीय निवेश के लिए के वाई सी प्रक्रिया (KYC Know Your Customer Process) एक अत्यंत आवश्यक चरण है।
सभी नए निवेशकों और व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए एक समान के वाई सी (KYC) अत्यंत आवश्यक (Mandatory Step) है, जो म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund) में निवेश के लिए खाता खोलना चाहते हैं।
केवाईसी का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों की पहचान सत्यापित करना, जैसे उनका नाम, वैध और सत्यापित पता, और निवेशक के सन्दर्भ में गलत काम की संभावनाओं की जांच करना है। यह वित्तीय सन्दर्भ में, धोखाधड़ी, काला धन (Black Money) रिश्वतखोरी और अन्य कोई आपराधिक षडयंत्र आदि शामिल है या नहीं ।
यह सेबी (SEBI) द्वाराअत्यंत आवश्यक प्रक्रिया होती है।
निवेश का कौन सा तरीका सही है (How to do Mutual Fund Investment)
निवेश 2 तरह से किया जा सकता है, एकमुश्त (Lumpsum) या एस आई पी (SIP)।
नाम से ही स्पष्ट है, कि यदि निवेशक अपना धन एक साथ निवेश करना चाहता है, या हर महीने, या हर सप्ताह या हर दिन, यानी SIP के तहत भी निवेश करना चाहता है।
संक्षेप में थोड़ा समझ लेते हैं :
एकमुश्त निवेश (Lump Sum Investment)
निवेशक बहुत सारा धन एक साथ निवेश करता है, और आवश्यकता पड़ने पर उस निवेश को बढ़ा (TOP-UP) भी सकता है। जाहिर है, जितना ज़्यादा धन निवेशित होगा, जोखिम भी उतना ही बढ़ जाएगा और जाहिर है कि लाभ भी उतना ही बढ़ जाएगा ।
यह उन अनुभवी निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है, जो म्यूचुअल फंड के बारे में उचित जानकारी रखते हैं, और बाज़ार के उतार-चढ़ाव का अध्ययन कर सकते है।
एक लम्बे समय के लिए औसतन 3 वर्ष, 5 वर्ष या 10 वर्ष आदि, के लिए यह अच्छा विकल्प है, जिससे उत्तम वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) हो सकता है।
एस आई पी द्वारा म्यूचुअल फंड में निवेश (Investment through SIP)
एक नए निवेशक को यह ज़रूरी है की वह एस आई पी (SIP) द्वारा ही निवेश करे।
क्योंकि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश बाज़ार के अधीन होता है, अतः जोखिम भी होता है। इसलिए जोखिम को ध्यान में रखते हुए, SIP द्वारा किया गया निवेश सुरक्षितऔर नियंत्रित होता है।
यह उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है, जो नौकरी-पेशा है, या कोई छोटा व्यवसाय करते हैं, और प्रत्येक महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता हैं।
ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेशक इन दोनों तरीको से भी निवेश कर सकता है।
निवेशक किसी भी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वैधानिक प्रक्रिया द्वारा म्यूचुअल फंड खरीद सकता है।
यदि वह ऑफलाइन निवेश करना चाहता है, तो किसी भी AMC के ऑफिस में जाकर वह पर दिए गए फॉर्म को भरकर, साथ ही ज़रूरी प्रक्रिया द्वारा भी म्यूचुअल फंड खरीदा जा सकता है।
इसके अतिरिक्त निवेशक अपने क्षेत्र में किसी भी एम्फी रजिस्टर्ड, म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर (AMFI Registered Mutual Fund Distributor) से संपर्क कर के भी अपना निवेश म्यूचुअल फंड में कर सकता है।
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund Allotment)
एक बार आवेदन करने के बाद आवेदन किये गए म्यूच्यूअल फण्ड का निश्चित समय पर अलॉटमेंट कर दिया जाता है, और निवेशक को ईमेल द्वारा सूचित कर दिया जाता है।
2024 में निवेश के लिए म्यूचुअल फंड कैसे चुनें ?
म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund) का सही चयन करने के लिए, अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, निम्न बिंदुओं का ध्यान रखें :
लक्ष्य और अवधि (Duration and Target)
अपने वित्तीय लक्ष्यों और निवेश अवधि के आधार पर ही म्यूच्यूअल फंड का चयन करें। ये फण्ड इक्विटी आधारित या डेट आधारित हो सकता हैं।
जोखिम सहनशीलता (Risk Tolerance)
अपने जोखिम लेने के क्षमता का उचित आकलन करें और जितना जोखिम आप ले सकते हैं, जिससे आपके दैनिक जीवन के खर्चों पर पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े, उतना ही जोखिम लें।
म्यूच्यूअल फंड का प्रदर्शन (Mutual Fund Performance)
म्यूच्यूअल फंड के पिछले वर्षों में प्रदर्शन की जांच करें। किसी भी म्यूच्यूअल फंड का पिछले प्रदर्शन उसके भविष्य के प्रदर्शन की गारंटी नहीं होता है, लेकिन एक संकेत हो सकता है कि वह भविष्य में कैसा प्रदर्शन करेगा।
म्यूच्यूअल फंड मैनेजर (Mutual Fund Manager)
सबंधित म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड भी देखना आवश्यक होता है, कि वह कितने और म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) की देखभाल कर रहा है और उनके प्रगति कैसी है।
खर्च अनुपात (Expense Ratio)
म्यूचुअल फंड के खर्च अनुपात (Expense Ratio) की जांच करें। यदि खर्च अनुपात ज़्यादा हुआ तो आपका लाभ थोड़ा कम भी हो सकता है, इसलिए खर्च अनुपात का भी ध्यान रखें।
जोखिम और रिटर्न का मूल्यांकन (Risk and Return Analysis)
म्यूचुअल फंड्स में निवेश के जोखिम और रिटर्न का आकलन करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:
जोखिम क्षमता (Risk Appetite)
अपनी जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन करें और उसके अनुसार ही किसी अच्छे म्यूच्यूअल फंड का चयन करें।
विभिन्न फंड्स का मिश्रण (Hybrid Mutual Funds)
अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न प्रकार के फंड्स (इक्विटी, डेट, हाइब्रिड) का मिश्रण रखें ताकि जोखिम का उचित वितरण हो सके, और लाभ के साथ-साथ पूंजी भी सुरक्षित रहे। इनको हाइब्रिड म्यूचुअल फंड भी कहते हैं।
बाज़ार की चाल (Market Trends)
आपके द्वारा किये गए निवेश साथ-साथ बाज़ार की चाल का भी अध्ययन करते रहे, जिससे आपको लाभ मिलता रहे।
यदि आपको अनुभव है तो आप बाज़ार की चाल देख सकते हैं, यदि नहीं तो आपका म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर तो स्वयं देख लेगा।
म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर टैक्स संबंधी जानकारी:
ईएलएसएस (Equity Linked Savings Scheme ELSS ):
ईएलएसएस फंड्स में निवेश करने पर आयकर विभाग 1961 के अनुसार धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। इसमें तीन साल की लॉक-इन अवधि भी होती है।
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long Term Capital Gain Tax)
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एक साल से अधिक निवेश पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो कि 1 लाख रुपए तक के गेन पर छूट है।
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Short Term Capital Gain Tax)
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एक साल से कम समय के लिए निवेश पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15% है।
डेट फंड्स पर टैक्स (Tax on Debt Mutual Funds)
डेट फंड्स में तीन साल से अधिक समय के लिए निवेश पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20% है।
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax DDT)
म्यूचुअल फंड्स के डिविडेंड पर भी टैक्स लगता है, जो निवेशकों की आय पर आधारित टैक्स स्लैब के अनुसार ही होता है।