Regular Plan vs Direct Plan: क्या एक्सपेंस रेश्यो ही है निर्णायक? (Regular Plan vs Direct Plan: Is Expense Ratio the Key to Smart Investing?)
Regular Plan Vs Direct Plan : क्या सिर्फ एक्सपेंस रेश्यो ही निर्णायक है?
भूमिका (Introduction)
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते समय निवेशकों के पास दो मुख्य विकल्प होते हैं – Direct Plan और Regular Plan.
अक्सर यह माना जाता है कि दोनों के बीच का मुख्य अंतर Expense Ratio (प्रबंधन शुल्क) का होता है।
Direct Plan में शुल्क कम होता है, इसलिए ज़्यादा रिटर्न की उम्मीद होती है। लेकिन क्या केवल एक्सपेंस रेश्यो को देखकर फैसला लेना सही है?
असलियत इससे कहीं ज़्यादा गहरी है।
Regular Plan की व्यापक भूमिका
रेगुलर प्लान में निवेश करते समय आपको एक फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र या डिस्ट्रीब्यूटर की सहायता मिलती है, जो आपको सही फंड चुनने में मदद करता है।
उदाहरण के लिए, अगर आप SBI Small Cap Fund Regular Growth, SBI Contra Fund Regular Plan Growth, या Tata Digital India Fund Regular Plan Growth में निवेश करना चाहते हैं, तो एक्सपर्ट की सलाह आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
रेगुलर प्लान आपको पोर्टफोलियो रिव्यू, मार्केट अपडेट्स, और समय-समय पर रीबैलेंसिंग की सुविधा भी देता है।
केवल एक्सपेंस रेश्यो नहीं, ज़रूरत है सही निर्णय की
कुछ फंड जैसे Nippon India Small Cap Fund Regular Growth, DSP Midcap Fund Regular Growth, AXIS Multicap Fund Regular Growth, और HDFC Balanced Advantage Fund Regular Plan Growth का प्रदर्शन निवेशक की समझ और मार्गदर्शन से बेहतर साबित हो सकता है।
यदि आप म्यूचुअल फंड के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते या गाइडेंस की ज़रूरत महसूस करते हैं, तो रेगुलर प्लान एक सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प है।
Direct Plan कम लागत में बेहतर रिटर्न दे सकता है, लेकिन Regular Plan व्यक्तिगत मार्गदर्शन और सही समय पर निर्णय लेने में मदद करता है।
इसलिए सिर्फ एक्सपेंस रेश्यो के आधार पर फैसला न लें — अपनी ज़रूरत, अनुभव और सुविधा के अनुसार सही विकल्प चुनें।
अगर आप SBI Bluechip Fund Regular Plan Growth, AXIS Small Cap Fund Regular Growth, या Canara Robeco Emerging Equities Regular Growth जैसे फंड्स में निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो Regular Plan आपके लिए एक स्मार्ट विकल्प हो सकता है।
Regular Plan लेने के फ़ायदे और नुकसान
रेगुलर प्लान म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प होता है, लेकिन इसके साथ कुछ सीमाएं भी जुड़ी होती हैं। आइए जानते हैं इसके मुख्य फ़ायदे और नुकसान:
फायदे
1. सलाह और मार्गदर्शन मिलता है
अगर आप नए निवेशक हैं और फंड चुनने में भ्रमित रहते हैं, तो रेगुलर प्लान आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट आपकी वित्तीय स्थिति के अनुसार योजनाएं सुझाते हैं जैसे:
- SBI equity hybrid fund Regular plan growth
- AXIS long term equity fund Regular growth
- SBI magnum midcap fund Regular plan growth
2. रिसर्च और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट की सुविधा
एजेंट समय-समय पर पोर्टफोलियो रिव्यू करते हैं और सुझाव देते हैं। इससे निवेशकों को HDFC balanced advantage fund Regular plan growth या Canara Robeco smallcap fund Regular growth जैसे सही फंड्स में बदलाव करने में आसानी होती है।
नुकसान
1. ज़्यादा एक्सपेंस रेश्यो
Regular Plan में एजेंट का कमीशन शामिल होता है जिससे एक्सपेंस रेश्यो बढ़ता है। जैसे SBI small cap fund Regular growth, Motilal oswal midcap fund Regular growth, या ICICI prudential bluechip fund Regular growth — इन फंड्स की लागत Direct Plan की तुलना में अधिक हो सकती है।
2. Lower NAV
खर्च अधिक होने के कारण NAV कम होती है, जिससे लंबे समय में रिटर्न थोड़ा घट सकता है। जैसे SBI long term equity fund Regular growth, HDFC small cap fund Regular plan growth, आदि में फर्क महसूस किया जा सकता है।
डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है?
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड प्लान में निवेशक सीधे AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) से निवेश करता है और कोई कमीशन नहीं लगता, जबकि रेगुलर प्लान में डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से निवेश होता है, जिससे एक्स्ट्रा चार्ज शामिल होता है।
क्या एक्सपेंस रेश्यो ही निवेश निर्णय का आधार होना चाहिए?
निवेशक अक्सर Regular Plan और Direct Plan में अंतर समझते समय Expense Ratio को ही मुख्य आधार मानते हैं। लेकिन क्या सिर्फ यही एकमात्र फैसला लेने का कारण होना चाहिए?
एक्सपेंस रेश्यो का दीर्घकालिक असर
Regular Plan में एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा होता है क्योंकि इसमें डिस्ट्रीब्यूटर का कमीशन शामिल होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने 20 सालों के लिए SBI small cap fund Regular growth या Canara Robeco small cap fund Regular growth में निवेश किया, तो Direct Plan की तुलना में आपके रिटर्न में बड़ा अंतर आ सकता है।
छोटे अंतर कैसे बड़ा फर्क बना सकते हैं
मान लीजिए दो फंड्स में केवल 1% का एक्सपेंस रेश्यो का फर्क है — nippon india small cap fund Regular growth और nippon small cap fund Direct। यह छोटा फर्क लंबे समय में लाखों का फर्क बना सकता है, खासकर अगर आपने SIP या SWP प्लान लिया हो जैसे कि SBI swp plans।
उदाहरण के साथ तुलना
मान लें आप ने 1 लाख रूपये 15 साल के लिए HDFC mid cap opportunities fund Regular plan growth में लगाए हैं और उसका एक्सपेंस रेश्यो 2% है, जबकि Direct Plan का 1%। ऐसे में Direct Plan में मिलने वाला रिटर्न ज्यादा होगा, जिससे आपकी कोरपस में बड़ा अंतर आ सकता है।
इसलिए, जबकि रेगुलर प्लान में सलाह की सुविधा मिलती है, आपको यह देखना चाहिए कि क्या वह एक्सपेंस रेश्यो के बदले मिलने वाली सर्विस उस लागत को जस्टिफाई करती है।
अन्य महत्वपूर्ण अंतर जो निवेशकों को जानने चाहिए
जब निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो सबसे पहले उनके मन में यह सवाल आता है — “क्या केवल एक्सपेंस रेश्यो ही Direct Plan और रेगुलर प्लान का मुख्य अंतर है?”
लेकिन सच्चाई यह है कि इससे भी महत्वपूर्ण कुछ और बातें हैं, जो एक निवेशक के फैसले को प्रभावित करती हैं।
सलाह और मार्गदर्शन – रेगुलर प्लान में एडवाइज़र की भूमिका
रेगुलर प्लान उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होता है जो म्यूचुअल फंड की जटिलताओं को खुद से समझने में सहज नहीं हैं।
इस योजना में एक वितरक या निवेश सलाहकार आपकी मदद करता है — वह न केवल आपको सही फंड चुनने में मार्गदर्शन करता है, बल्कि समय-समय पर पोर्टफोलियो रिव्यू और फाइनेंशियल प्लानिंग में भी सपोर्ट करता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप SBI small cap fund Regular growth, SBI contra fund Regular plan growth, Tata digital india fund Regular plan growth या HDFC small cap fund Regular plan growth जैसे फंड्स में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपको यह तय करने में कठिनाई हो रही है कि आपकी जोखिम प्रोफ़ाइल के अनुसार कौन-सा बेहतर होगा, तो Regular Plan आपके लिए सही विकल्प हो सकता है।
इसके अलावा, कई निवेशक SBI balanced advantage fund Regular plan growth, AXIS multicap fund Regular plan growth, Canara Robeco emerging equities Regular growth जैसे फंड्स का चुनाव अपने एडवाइज़र की सलाह से करते हैं, जो उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव में स्थिर बने रहने में मदद करता है।
Direct Plan में DIY (Do-It-Yourself) निवेश
Direct Plan उन निवेशकों के लिए होता है जो स्वयं रिसर्च करने में सक्षम होते हैं, और जिन्हें म्यूचुअल फंड की समझ होती है। इसमें कोई वितरक नहीं होता, इसलिए एक्सपेंस रेश्यो कम होता है और रिटर्न थोड़ा बेहतर हो सकता है।
उदाहरण के लिए, कोई अनुभवी निवेशक Parag Parikh flexi cap fund Direct plan, HDFC mid cap opportunities fund Direct, nippon small cap fund Direct, Mirae asset emerging bluechip fund Direct, या SBI blue chip Direct growth fund जैसे Direct Plans में खुद से निवेश करना पसंद कर सकता है।
लेकिन DIY निवेश की राह उतनी आसान नहीं होती — फंड का चयन, समय-समय पर मॉनिटरिंग, एसेट एलोकेशन, और बाजार की चाल को समझना जरूरी होता है।
अगर इनमें से किसी भी चीज़ में संदेह हो, तो बेहतर है कि Regular Plan को चुना जाए, जहां मार्गदर्शन हमेशा उपलब्ध रहता है।
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड क्या हैं?
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड वो योजनाएं होती हैं जिनमें निवेशक बिना किसी बिचौलिए या एजेंट के सीधे म्यूचुअल फंड कंपनी (AMC) से निवेश करता है।
इसमें कमीशन या ब्रोकरेज नहीं लगता, जिससे रिटर्न थोड़ा ज्यादा होता है।
सही म्यूचुअल फंड प्लान का चुनाव
Regular Plan आपको वह सहारा देता है, जो लंबे समय में अनुशासित निवेश की आदत बनाता है। चाहे आप SBI long term equity fund Regular plan growth, AXIS small cap fund Regular growth, ICICI pru flexi cap fund Regular growth, या SBI focused equity fund Regular growth में निवेश कर रहे हों, एक अनुभवी वितरक की सलाह आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद करती है।
सुविधा और ग्राहक सेवा
रेगुलर प्लान में निवेशक को पूरा सपोर्ट मिलता है ।
जब आप Regular Plan के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको एक फाइनेंशियल एडवाइज़र या डिस्ट्रीब्यूटर का सहयोग मिलता है।
यह आपके निवेश लक्ष्यों, जोखिम क्षमता और बाजार के हालात को ध्यान में रखते हुए सही फंड चुनने में मदद करता है।
उदाहरण के तौर पर, अगर आप SBI small cap fund Regular growth, Tata digital india fund Regular plan growth, AXIS multicap fund Regular growth, HDFC small cap fund Regular growth, या Canara Robeco emerging equities Regular growth जैसे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, तो Regular Plan में आपका वितरक आपको इन विकल्पों के बीच तुलना करने और सही निर्णय लेने में मदद करता है।
साथ ही, निवेश के बाद भी, फंड के प्रदर्शन की निगरानी, पोर्टफोलियो में समय-समय पर बदलाव, और SIP मैनेजमेंट जैसी सेवाएं भी Regular Plan के अंतर्गत मिलती हैं। यही कारण है कि SBI balanced advantage fund Regular plan growth, ICICI pru flexi cap fund Regular growth, और HDFC mid cap opportunities fund Regular growth जैसे फंड्स में निवेश करने वाले कई निवेशक Regular Plan को प्राथमिकता देते हैं।
Direct Plan में खुद करना होता है सब कुछ
वहीं दूसरी ओर, Direct Plan में आपको किसी वितरक की सहायता नहीं मिलती। यहां आपको खुद रिसर्च करनी होती है, फंड का चयन करना होता है और निवेश निर्णय भी खुद ही लेने होते हैं।
यदि आप SBI blue chip Direct growth fund, nippon small cap fund Direct, या Mirae asset emerging bluechip fund Direct जैसे फंड्स में Direct Plan के तहत निवेश कर रहे हैं, तो आपको बाजार की समझ, रिस्क एनालिसिस और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का अच्छा अनुभव होना चाहिए।
Direct Plan में एक्सपेंस रेश्यो थोड़ा कम होता है, लेकिन यदि निवेश की जानकारी नहीं है तो गलत निर्णय होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसलिए यदि आपको फाइनेंशियल गाइडेंस की जरूरत है, तो Regular Plan आपके लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प है।
म्यूचुअल फंड निवेश करते समय अक्सर निवेशक Direct Plan और Regular Plan के बीच चयन करने में भ्रमित होते हैं।
अधिकांश लोग मानते हैं कि Regular Plan का खर्चीला होने के कारण Direct Plan हमेशा बेहतर विकल्प होता है, लेकिन क्या यह सच है?
इस ब्लॉग में हम Direct Plan और Regular Plan का तुलनात्मक विश्लेषण करेंगे और यह देखेंगे कि सिर्फ expense ratio ही इस निर्णय का एकमात्र पैमाना नहीं होना चाहिए।
रेगुलर म्यूचुअल फंड्स
रेगुलर म्यूचुअल फंड्स वे योजनाएं होती हैं जिनमें निवेश एजेंट, डिस्ट्रीब्यूटर या एडवाइज़र के माध्यम से किया जाता है। इसमें फंड हाउस एजेंट को कमीशन देता है, जो निवेशक के रिटर्न से कटता है। ये योजनाएं मार्गदर्शन चाहने वाले निवेशकों के लिए होती हैं।
Direct Plan और रेगुलर प्लान का एक उदाहरण से तुलनात्मक विश्लेषण
10 साल के निवेश का उदाहरण
मान लीजिए आपने SBI Small Cap Fund Regular Plan Growth में ₹10,000 निवेश किया और आप इसे 10 साल तक छोड़ देते हैं। Regular Plan में Expense Ratio अधिक होता है, क्योंकि इसमें आपके निवेश के लिए एक वितरक (distributor) शामिल होता है। वहीं, Direct Plan में ये खर्च कम होते हैं, क्योंकि इसमें कोई वितरक नहीं होता है।
हम एक उदाहरण लेते हैं, जहाँ SBI Bluechip Fund Regular Plan Growth और SBI Bluechip Fund Direct Plan Growth के रिटर्न की तुलना की जाएगी। मान लीजिए कि Regular Plan का Expense Ratio 1.5% और Direct Plan का expense ratio 0.5% है। अगर इन दोनों फंड्स की 10 सालों तक की औसत वार्षिक रिटर्न 12% हो, तो निम्नलिखित परिणाम निकलते हैं:
लागत और रिटर्न में अंतर
योजना | निवेश राशि | Expense Ratio | 10 साल के बाद की वैल्यू |
---|---|---|---|
Regular Plan | ₹10,000 | 1.5% | ₹33,500 |
Direct Plan | ₹10,000 | 0.5% | ₹35,000 |
यहां स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि Direct Plan में कम Expense Ratio के कारण रिटर्न ज्यादा है।
चार्ट या टेबल के साथ प्रेजेंटेशन
एक अच्छा तरीका है कि आप Direct Plan और रेगुलर प्लान के लाभ और हानि को एक चार्ट के रूप में दिखाएं, जिससे आपके पाठकों को तुलना करना सरल हो जाए।
जैसा कि हम देख सकते हैं, Expense Ratio का अंतर केवल Direct Plan और Regular Plan के चयन का एक पहलू है। हालांकि, Regular Plan में निवेश करते समय आपको Distributor Fees का ध्यान रखना होता है, लेकिन Direct Plan में खर्च कम होते हैं और इससे आपको ज्यादा रिटर्न प्राप्त हो सकते हैं।
अतः, निवेशक को सिर्फ Expense Ratio पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि investment horizon, fund performance, और financial goals का भी ध्यान रखना चाहिए।
रेगुलर प्लान में निवेश करते हुए आपको SBI Long Term Equity Fund रेगुलर प्लान Growth या Nippon Small Cap Fund Regular Growth जैसी योजनाओं के साथ भी फायदा हो सकता है, यदि आपका समय सीमा लंबा है।
जब म्यूचुअल फंड निवेश की बात आती है, तो Direct Plan और रेगुलर प्लान के बीच का निर्णय निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इन दोनों योजनाओं के बीच Expense Ratio का अंतर एक प्रमुख बिंदु है, लेकिन क्या यही एकमात्र पहलू है जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए?
डायरेक्ट बनाम रेगुलर म्यूचुअल फंड – कौन सा बेहतर है?
यदि आप म्यूचुअल फंड निवेश में नए हैं और आपको मार्गदर्शन की आवश्यकता है, तो Regular Plan आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
इस योजना में एक वितरक (distributor) होता है, जो आपको सही फंड चयन, निवेश रणनीति और मार्गदर्शन प्रदान करता है।
उदाहरण के लिए, अगर आप SBI Bluechip Fund Regular Plan Growth या SBI Small Cap Fund Regular Growth में निवेश करना चाहते हैं, तो एक वितरक आपको इस निर्णय में सहारा दे सकता है और आपकी निवेश यात्रा को आसान बना सकता है।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा म्यूचुअल फंड डायरेक्ट है या रेगुलर?
आप अपने म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट में योजना के नाम को देखकर यह जान सकते हैं। अगर फंड के नाम में “Direct Plan” लिखा है, तो वह डायरेक्ट प्लान है। अगर “रेगुलर प्लान” लिखा है, तो वह रेगुलर प्लान है।
इसके अलावा, आप अपने फंड हाउस की वेबसाइट, CAMS/KFintech पोर्टल या अपने डिस्ट्रीब्यूटर से भी यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप अनुभव रखते हैं और खर्च बचाना चाहते हैं
यदि आपको म्यूचुअल फंड निवेश का अनुभव है और आप खर्चों को कम करना चाहते हैं, तो Direct Plan आपके लिए उपयुक्त रहेगा।
Direct Plan में वितरक का खर्चा नहीं होता, इसलिए Expense Ratio कम होता है, जिससे आपकी कुल रिटर्न ज्यादा हो सकती है।
उदाहरण के लिए, Nippon India Small Cap Fund Direct या HDFC Mid Cap Opportunities Fund Direct जैसे फंड्स में निवेश करते हुए आप Direct Plan का लाभ उठा सकते हैं और खर्च कम कर सकते हैं।
हाइब्रिड अप्रोच की संभावना
कुछ निवेशक दोनों योजनाओं का मिश्रण अपनाते हैं, जिसे हम Hybrid Approach कह सकते हैं। आप कुछ Regular Plan जैसे SBI Long Term Equity Fund Regular Plan Growth में निवेश कर सकते हैं, जहां आपको मार्गदर्शन की जरूरत हो, और कुछ Direct Plan जैसे SBI Flexi Cap Fund Direct Plan Growth में निवेश कर सकते हैं, जहां आपको खुद निवेश करने का अनुभव हो और आप खर्च कम करना चाहते हों।
अंततः, Direct Plan और रेगुलर प्लान का चुनाव आपके निवेश के उद्देश्य, अनुभव और मार्गदर्शन की आवश्यकता पर निर्भर करता है।
यदि आप Expense Ratio में बचत करना चाहते हैं, तो Direct Plan आपके लिए बेहतर हो सकता है, लेकिन यदि आपको विशेषज्ञ मार्गदर्शन चाहिए तो रेगुलर प्लान का चयन करें।
जब म्यूचुअल फंड निवेश की बात आती है, तो Direct Plan और रेगुलर प्लान के बीच का निर्णय निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
रेगुलर प्लान के खर्चे में वितरक (distributor) का शुल्क शामिल होता है, जो निवेश के परिणाम पर असर डाल सकता है।
हालांकि, केवल expense ratio को देखना ही सही नहीं है, क्योंकि निवेश के समय कई अन्य पहलू भी ध्यान में रखने होते हैं।
भारत में डायरेक्ट म्यूचुअल फंड ऑनलाइन कैसे खरीदें?
भारत में डायरेक्ट म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए आप म्यूचुअल फंड कंपनी (AMC) की ऑफिशियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
इसके अलावा, आप CAMS, KFintech, MF Central, या Groww, Zerodha Coin, Paytm Money जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके भी डायरेक्ट फंड्स में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं।
निवेश से पहले KYC पूरा होना ज़रूरी है। एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद, आप डायरेक्ट प्लान चुनकर आसानी से SIP या एकमुश्त निवेश कर सकते हैं।
रेगुलर म्यूचुअल फंड को डायरेक्ट में कैसे बदलें?
रेगुलर म्यूचुअल फंड को डायरेक्ट प्लान में बदलने के लिए आपको पहले रेगुलर फंड से रिडीम करना होगा, फिर उसी फंड का डायरेक्ट वर्शन चुनकर नया निवेश करना होगा।
आप यह प्रक्रिया फंड हाउस की वेबसाइट, मोबाइल ऐप, या CAMS/KFintech जैसे रजिस्ट्रार प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन कर सकते हैं।
ध्यान रखें कि यह टैक्सेबल इवेंट हो सकता है, इसलिए बदलाव से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना उचित होता है।
एक्सपेंस रेश्यो महत्वपूर्ण है, लेकिन निर्णायक नहीं
Expense Ratio निवेशकों के लिए एक अहम बिंदु है, क्योंकि यह आपके निवेश पर खर्च होने वाले पैसे को दर्शाता है।
उदाहरण के लिए, SBI Small Cap Fund Regular Growth या AXIS Multicap Fund Regular Growth में निवेश करते समय Regular Plan का Expense Ratio कम करने के लिए Direct Plan का विकल्प हो सकता है।
हालांकि, सिर्फ Expense Ratio को देख कर निर्णय लेना अधूरा हो सकता है, क्योंकि यह अन्य लाभों को नजरअंदाज करता है।
समझदारी से चुना गया प्लान ही सही परिणाम देता है
म्यूचुअल फंड का चुनाव करते समय निवेशक को केवल expense ratio पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि SBI Long Term Equity Fund Regular Plan Growth जैसी योजनाओं के अन्य फायदे भी देखे जाने चाहिए। अगर आपको मार्गदर्शन की जरूरत है, तो Regular Plan बेहतर होता है, क्योंकि इसमें वितरक का सहयोग मिलता है।
दूसरी ओर, Direct Plan का चुनाव करना उन निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकता है, जो पहले से अनुभवी हैं और खर्च कम करना चाहते हैं।
निर्णय लेते समय सभी पहलुओं पर विचार ज़रूरी
निवेश करते समय, जैसे SBI Bluechip Fund Regular Plan Growth या Nippon India Small Cap Fund Regular Growth, आपको केवल खर्चों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि निवेश की अवधि, जोखिम प्रोफाइल और फंड की विशेषताओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। Regular Plan और Direct Plan दोनों के बीच तुलना करते समय, आपको अपने निवेश के लक्ष्य और रणनीति के अनुसार सही निर्णय लेना चाहिए।
अंततः, सही Regular Plan का चुनाव आपके निवेश की सफलता में अहम भूमिका निभाता है, बशर्ते आप सभी पहलुओं का सही तरीके से मूल्यांकन करें।